SMALL THOUGHTS
आज के ज़माने में शुभचिंतक ऐसे होते जा रहे हैं जो हमारा शुभ होते देखकर चिंतित हो जाते हैं ।
आज के ज़माने में शुभचिंतक ऐसे होते जा रहे हैं जो हमारा शुभ होते देखकर चिंतित हो जाते हैं ।
बिखरी हुई मिट्टी एक हो जाये तो ईंट बन जाती है, बिखरी हुई ईंटें इकट्ठी हो जाये तो दीवार बन जाती है और बिखरी हुई दीवारें आपस में जुड़ जायें तो घर बन जाता है और बिखरे हुए घर आपस में जुड़ जायें तो परिवार बन जाता है ॥ “इसलिए समाज व परिवार को प्राथमिकता … Read more
आदमी साधनों से नहीं, साधना से श्रेष्ठ बनता है। आदमी भवनों से नहीं, भावना से श्रेष्ठ बनता है। आदमी उच्चारण से नहीं, उच्च आचरण से श्रेष्ठ बनता है। अतः आज से हम साधना से अपनी भावना और आचरण को श्रेष्ठ बनाएं।
दुनिया एक ही है लेकिन सबकी अलग- अलग है।
हम भूतकाल में जा के आरंभ को बदल नहीं सकते लेकिन हम जहां हैं वहां से एक नई शुरूआत कर अंत को बदल सकते हैं।