अधिक की कामना रख, जब तक इंसान जो प्राप्त है, उसका ईश्वर को धन्यवाद करता हुआ संतुष्ट नही रह सकता, तब तक जीवन में वह सदा खुश नही रह सकता।
अधिक की कामना रख, जब तक इंसान जो प्राप्त है, उसका ईश्वर को धन्यवाद करता हुआ संतुष्ट नही रह सकता, तब तक जीवन में वह सदा खुश नही रह सकता।